‘मेरी सरकार’ के प्रतिनिधियों को एप के जरिये लोग सीधा सरकार को दे सकेंगे सुझाव – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

आइटी पार्क स्थित सूचना प्रौद्योगिकी भवन में इंडिया ड्रोन फेस्टिवल-2.0 का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, सचिव आरके सुधांशू समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आम लोगों से जुड़ने और रोजमर्रा के जीवन में हो रही समस्याओं के समाधान व उनके समाधान जानने में ‘मेरी सरकार’ एप कारगर साबित होगा। इसके अलाव सरकार हर जिले में हफ्ते में एक दिन जनता दरबार भी लगाएगी।

प्रदेश की जनता को राज्य हित में कोई सुझाव देने के लिए अब राजधानी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। घर बैठे ही ‘मेरी सरकार’ एप के जरिये किसी भी विषय पर लोग सीधा सरकार के प्रतिनिधियों को सुझाव दे सकेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आइटी पार्क में ड्रोन फेस्टिवल-2.0 के उद्घाटन पर इस एप को लांच किया। उन्होंने कहा कि एप पर निगरानी के लिए सरकार के प्रतिनिधियों की ड्यूटी तय की जाएगी। एप पर आने वाले सुझावों को समीक्षा के बाद लागू करने पर भी विचार किया जाएगा।

जिससे लोगों की समस्याएं सुनी जाएं और उनका समाधान हो। कहा कि वर्तमान समय में ड्रोन की उपयोगिता बढ़ी है। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसे कार्यक्रमों में युवाओं की भागीदारी जरूरी है। देहरादून में देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई। ड्रोन व इससे संबंधित तकनीकी शिक्षा से युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। ड्रोन मेले में तकनीकी सत्र में छात्रों व युवाओं के साथ ही स्कूली बच्चों ने खासी रुचि दिखाई। इसमें देश के नामी गिरामी उद्यमी व तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हुए।

प्रतियोगिता के लिए 150 टीम जुटी

आइटीडीए के निदेशक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी अमित सिन्हा ने कहा कि ड्रोन बहुत काम की चीज है। हमारे देश में अब प्राइवेट सेक्टर भी इससे जुड़ गया है। इसके डेवलपमेंट और आर एंड डी में रोजगार की अपार संभावना हैं। यह जहां विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। वहीं देश की सुरक्षा के काम भी इससे लिए जा सकते हैं। एंटी ड्रोन का भी इतना ही महत्व है। यह ड्रोन के खतरों से बचाव करने का काम करता है। इस पर आधारित प्रतियोगिता में 22 राज्यों से 150 टीम आई हुई हैं। जिसमें रेसिंग ड्रोन, लिफ्टिंग ड्रोन समेत कई तरह के ड्रोन उड़ान भरेंगे। आइआइओ टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ सन्नी शर्मा ने कहा कि ड्रोन से जहां फायदे हैं वहीं इसके खतरे भी हैं। इनका दुरुपयोग भी किया जा सकता है। इसलिए इसके खतरों को कम व खत्म करना भी संभव है। इसके कई आयाम है। ड्रोन डिटेक्शन मैकेनिज्म के जरिये सुरक्षा मुमकिन है। इस मौके पर उन्होंने जैमर तकनीक, रडार तकनीक समेत अन्य तरीके बताए जिससे ड्रोन हमलों पर काबू पाया जा सकता है।

रोजगार सृजन का बड़ा जरिया

दक्षिण अफ्रीका से आए विशेषज्ञ लुसीकानो जैरडौन ने कहा कि ड्रोन रोजगार सृजन का बड़ा जरिया बन सकता है। भारत में इसका निर्माण व निर्यात मुमकिन है। ड्रोन की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है। एंटी ड्रोन तकनीक को हाथोहाथ लिया जा रहा है। इस मौके पर छात्रों ने सवाल-जवाब भी किए। ड्रोन के नियामक व कानूनी विशेषज्ञ हिल्लौल विश्वास ने विस्तार से इसके रेगुलेटरी व लीगल डाईमेंशन की जानकारी दी। उनका कहना था कि ड्रोन के निर्माण से लेकर इसका उपयोग कोई भी यूं ही नहीं कर सकता। इसके खतरे भी कम नहीं है।

‘डार्क मैपर’ से सुरक्षित होगा डाटा

अब तक सरकार किसी भी क्षेत्र के सर्वे या जीआइएस मैपिंग के लिए निजी कंपनियों के सॉफ्यवेयर पर निर्भर रहती थी। लेकिन अब सरकार ने मैपिंग से लेकर सर्वे के लिए अपना एप तैयार कर लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने मैपिंग के लिए तैयार सरकारी सॉफ्टवेयर ‘डार्क मैपर’ को भी लांच किया। यह सॉफ्टवेयर ड्रोन कैमरा की मदद से फोटो लेने, थ्री-डी मॉडल बनाने और डाटा विश्लेषण की क्षमता रखता है। कार्यक्रम में विधायक गणेश जोशी, महापौर सुनील उनियाल गामा, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *